Diwali दीपावली प्रकारात्मक त्योहार का जश्न
भारतीय सबसे प्रमुख और प्रिय पर्वों में से एक, दीपावली, एक रंग-बिरंगा, धर्मिक, और सामाजिक त्योहार है, जो समृद्धि, खुशियाँ, और आदर्शों की प्रतीक है। इस लेख में, हम दीपावली के महत्व, इतिहास, और इसका मानव जीवन में क्या महत्व है, उस पर चर्चा करेंगे।
Diwali दीपावली का महत्व:
दीपावली, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है, सनातन धर्म के अनुसार भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन मनाया जाता है। उस दिन अयोध्या के लोगों ने अपने घरों की सफाई की, और दीपकों की मदद से रात को अपने घरों को प्रकाशित किया। इसे उनके प्रिय भगवान श्रीराम के आगमन का स्वागत के रूप में किया गया।
दीपावली का अर्थ है “दीपों की पंक्ति” और इसमें दीपों को जलाने का एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दीपों का प्रकाश अच्छाई की प्रतीक होता है, जो अंधकार को दूर करता है और आशा की ओर दिशा देता है। इसके अलावा, दीपावली के दिन लोग एक दूसरे के साथ प्यार और अच्छाई के प्रतीक के रूप में गिफ्ट और मिठाइयों का एवं धार्मिक और सामाजिक समरसता की भावना के साथ मनाते हैं।
दीपावली का इतिहास:
दीपावली का इतिहास दो प्रमुख कथाओं से जुड़ा हुआ है, एक है भगवान श्रीराम के आगमन की कथा और दूसरी है भगवान श्रीकृष्ण के नरकासुर के साथ संघर्ष की कथा।
भगवान श्रीराम के आगमन की कथा: अयोध्या के राजा दशरथ अपने पुत्र भगवान श्रीराम को अपने राज्य का उत्तराधिकारी बनाने का अधिकार देने के लिए उनके पर्याय के अनुसार यज्ञ का आयोजन करते हैं। इसके बावजूद, उनकी कीकै नामक दोशी राणी अपने पुत्र भरत के दबाव में आकर श्रीराम को वनवास भेजने की मांग करती हैं। श्रीराम, सीता, और लक्ष्मण उसी दिन अयोध्या छोड़कर वनवास के लिए निकलते हैं। उनके अगमन के बाद अयोध्या के लोग उनके आगमन को बड़े धूमधाम से मनाते हैं,
Diwali दीपावली भारतीयों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण त्योहार है और यह विभिन्न भागों में विभिन्न तरीके से मनाया जाता है। राजस्थान, जिसे “रजस्थान” के रूप में जाना जाता है, वहां का खाना भी इस त्योहार का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और यह त्योहार बिना राजस्थानी खाने के अधूरा माना जाता है।

राजस्थानी दीपावली का खाना:
- घुघरा: घुघरा एक प्रकार की मिठाई है जो Diwali दीपावली पर बनाई जाती है। यह मैदा, खोया, और चीनी के साथ बनता है और बाद में तेल में तला जाता है। इसके बाद यह चाशनी में डुबाया जाता है, जिससे यह मीठा और लुवण स्वादिष्ट होता है।
- मिल्क केक: दीपावली पर राजस्थान में मिल्क केक बनाना एक आम प्रथा है। यह केक दूध, मैदा, और चीनी के साथ बनता है और ऊपर से बदाम और पिस्ता से सजाया जाता है। यह त्योहार की मिठाई के रूप में पॉपुलर है और बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के द्वारा पसंद किया जाता है।
- मिल्क बर्फी: मिल्क बर्फी राजस्थानी दीपावली के त्योहार में अक्सर बनाई जाती है। यह मिल्क सॉलिड्स, चीनी, और घी के साथ बनता है और फिर छान कर बर्फी की आकृति में काटा जाता है।
- प्याज कचोरी: प्याज कचोरी एक पॉपुलर राजस्थानी स्नैक है जो खासतर सूजी से बनाई जाती है। यह क्रिस्पी और खुशबूदार होती है और आप इसे तमाचेदार और मीठी चटनी के साथ खा सकते हैं।
- दाल बाटी चूरमा: दाल बाटी चूरमा राजस्थान की एक प्रमुख डिश है और यह विशेष अवसर पर बनाई जाती है, जैसे कि दीपावली। दाल बाटी चूरमा का स्वाद स्पाइसी होता है और यह दाल, बाटी (गर्मा गर्मा चपाती आकार की परोंठी), और चूरमा (मक्के का आटा से बनी चूरमा या रोटी का स्वादिष्ट मिश्रण) से मिलता है।
- गट्टे की सब्जी: यह भी एक पॉपुलर राजस्थानी डिश है जो चने के आटे के गट्टे से बनती है।